Tuesday, July 30, 2013

सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए एनएसएस प्रभावी माध्यम: मदवि कुलपति



 
 सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति दिलाने के लिए जन-मानस को जागृत करना होगा। इस संदर्भ में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) प्रभावी माध्यम है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कुलपति एच एस चहल ने आज ये उद्गार विश्वविद्यालय में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) कार्यक्रम अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में व्यक्त किए। वे बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे।

कुलपति एच एस चहल  ने राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम को सामाजिक ज्योति की संज्ञा दी। उन्होनें बताया कि इस कार्यक्रम के जरिए सामाजिक उजाला फैलाया जा सकता है। गांवो, कस्बों तथा शहरों में स्वास्थ्य जागरूकता, स्वच्छता अभियान तथा साक्षरता अभियान को बढ़ावा देने का काम भी एनएसएस के जरिए किया जा सकता है, ऐसा उनका कहना था। स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से प्ररेणा लेकर, भगवत गीता के निष्काम कर्म के दर्शन पर कार्य करने का आह्वान कुलपति चहल ने किया। अपने पिता प्रतिष्ठित शिक्षाविद स्व० हरनंदराय के जीवन प्रसंग का उल्लेख कर सामाजिक प्रतिबद्धता की बात कुलपति ने रखी।
कार्यक्रम का संचालन मदवि के एन एस एस समन्वयक डा रणबीर सिंह गुलिया ने किया। उन्होंने बताया कि इस सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतगर्त एन एस एस कार्यक्रम अधिकारियों को विविध पहलुओं पर ज्ञान प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षण समन्वयक सत्वीर सिंह मलिक ने कहा कि पूरे प्रदेश में एनएसएस कार्यक्रम सामाजिक जागरूकता का पर्याय बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनएसएस के जरिए निरक्षरता दूर करने के प्रयास किए जाएंगे।
समापन समारोह में प्रतिभागी सारिका गुप्ता, सहायक प्रोफेसर , कन्या महाविद्यालय, खरखौदा तथा पवन कुमार शर्मा, व्याख्याता, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सोहना ने फीडबैक प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मदवि के प्रोवोस्ट प्रो एस एस चाहर, राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो राजेन्द्र शर्मा, समेत विवि प्राध्यापक गण, लगभग 50 प्रतिभागी, एनएसएस कार्यालय के स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।


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