Tuesday, July 30, 2013

सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए एनएसएस प्रभावी माध्यम: मदवि कुलपति



 
 सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति दिलाने के लिए जन-मानस को जागृत करना होगा। इस संदर्भ में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) प्रभावी माध्यम है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कुलपति एच एस चहल ने आज ये उद्गार विश्वविद्यालय में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) कार्यक्रम अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में व्यक्त किए। वे बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे।

कुलपति एच एस चहल  ने राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम को सामाजिक ज्योति की संज्ञा दी। उन्होनें बताया कि इस कार्यक्रम के जरिए सामाजिक उजाला फैलाया जा सकता है। गांवो, कस्बों तथा शहरों में स्वास्थ्य जागरूकता, स्वच्छता अभियान तथा साक्षरता अभियान को बढ़ावा देने का काम भी एनएसएस के जरिए किया जा सकता है, ऐसा उनका कहना था। स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से प्ररेणा लेकर, भगवत गीता के निष्काम कर्म के दर्शन पर कार्य करने का आह्वान कुलपति चहल ने किया। अपने पिता प्रतिष्ठित शिक्षाविद स्व० हरनंदराय के जीवन प्रसंग का उल्लेख कर सामाजिक प्रतिबद्धता की बात कुलपति ने रखी।
कार्यक्रम का संचालन मदवि के एन एस एस समन्वयक डा रणबीर सिंह गुलिया ने किया। उन्होंने बताया कि इस सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतगर्त एन एस एस कार्यक्रम अधिकारियों को विविध पहलुओं पर ज्ञान प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षण समन्वयक सत्वीर सिंह मलिक ने कहा कि पूरे प्रदेश में एनएसएस कार्यक्रम सामाजिक जागरूकता का पर्याय बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनएसएस के जरिए निरक्षरता दूर करने के प्रयास किए जाएंगे।
समापन समारोह में प्रतिभागी सारिका गुप्ता, सहायक प्रोफेसर , कन्या महाविद्यालय, खरखौदा तथा पवन कुमार शर्मा, व्याख्याता, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सोहना ने फीडबैक प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मदवि के प्रोवोस्ट प्रो एस एस चाहर, राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो राजेन्द्र शर्मा, समेत विवि प्राध्यापक गण, लगभग 50 प्रतिभागी, एनएसएस कार्यालय के स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।


Friday, July 26, 2013

MDU ANNUAL SPORTS PRIZE DISTRIBUTION FUNCTION

हरियाणा प्रदेश शिक्षा तथा खेल क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहा है। प्रदेश की गतिशील शिक्षा तथा खेल नीति की वजह से शिक्षा एवं खेल क्षेत्र में बेहतरीन उपलब्धियां हासिल हो रही है। इस प्रगति की दौड़ को बरकरार रखने के लिए विश्वविद्यालयों को भी अपना योगदान देना होगा। हरियाणा की शिक्षा मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने ये उद्गार आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के वार्षिक खेल पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। मुख्य अतिथि ने मदवि प्रशासन, प्राध्यापकों, विद्यार्थियों एंव खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय मूल्याँकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ए ग्रेड प्रदान किए जाने पर हार्दिक बधाई दी।
    शिक्षा मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश पूरे राष्ट्र का शिक्षा हब बनता जा रहा है। जरूरत है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ शैक्षणिक गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। इस संदर्भ में शिक्षक वर्ग से उन्होंने आह्वान किया कि वे अपनी जिम्मेदारी को निष्ठापूर्वक निभाते हुए विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन करें।
    शिक्षा मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने विद्यार्थी वर्ग से आह्वान किया कि वे कौशल विकास की ओर ध्यान दें। भारत के युवाओं का देश यंगस्तिान करार देते हुए शिक्षा मंत्री ने युवा वर्ग से जीवन में सही दिशा की ओर चलने की बात कही तथा अच्छा इंसान बनने की शपथ लेने का आह्वान किया। अपने संबोधन में मदवि को राष्ट्रीय स्तर की मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ट्राफी हेतु जरूरी सहायता का आश्वासन भी शिक्षा मंत्री ने दिया।
    मदवि के इस वार्षिक खेल पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि श्रीमती गीता भुक्कल ने विश्वविद्यालय की विजयी टीमों, खिलाडिय़ों तथा प्रशिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किए।
    समारोह में मदवि कुलपति एच एस चहल ने कहा कि मदवि की नैक से प्राप्त ए ग्रेड में विश्वविद्यालय खिलाडिय़ों की उपलब्धियों का विशेष योगदान है। इस अवसर पर कुलपति ने विवि परिसर में आने वाले समय में 2 क्रिकेट के मैदान, 2 फुटबाल मैदान, 6 टैनिस कोर्ट, 4 बास्केट बाल कोर्ट तथा 4 वॉलीबाल कोर्ट निर्मित करने की योजना का खुलासा किया। उन्होंने भविष्य में यूनिवर्सिटी ओलंपिक गेम्स-यूनिवर्सियाड में स्वर्ण पदक जीतने वाले विश्वविद्यालय खिलाड़ी को 1 लाख रूपए, रजत पदक जीतने वाले को 51 हजार रूपए, तथा कांस्य पदक जीतने वाले विवि खिलाड़ी को 21 हजार रूपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि यूनिवर्सियाड गेम्स के पदक विजेताओं को हरियाणा सरकार के खेल नीति के दायरे में शामिल किया जाए।
    मदवि के वार्षिक खेल पुरस्कार वितरण समारोह में पुरूष वर्ग की ओवर ऑल ट्राफी जाट महाविद्यालय रोहतक को तथा महिला वर्ग की ओवर ऑल ट्राफी एम के जे के महाविद्यालय, रोहतक को प्राप्त हुई। विश्वविद्यालय की ओर से विश्वयूनिवर्सिटी गेम्स-यूनिवर्सियाड़ में रजत पदक जीतने वाले विवि खिलाड़ी इंद्रजीत को भी समरोह में विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
    कार्यक्रम के प्रारंभ में मदवि खेल परिषद अध्यक्ष डा एस एस गोयल ने स्वागत भाषण दिया। खेल निदेशक डा डी एस ढुल ने मदवि की खेल उपलब्धियों की रिर्पोट प्रस्तुत की। समारोह में मदवि खेल रिर्पोट स्मारिका पुस्तिका का विमोचन मुख्य अतिथि श्रीमती गीता भुक्कल ने किया। मंच संचालन सहायक निदेशक युवा कल्याण डा आनंद शर्मा ने किया। कार्यक्रम में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलिस्वरूप दो मिनट का मौन रखा गया।
    इस वार्षिक खेल पुरस्कार वितरण समारोह में संक्षिप्त सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। इसका संयोजन युवा कल्याण निदेशक जगबीर राठी ने किया।
    टैगोर सभागार में आयोजित इस समारोह में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो राजबीर सिंह, कलसचिव डा एस पी वत्स, परीक्षा नियंत्रक डा बी एस सिन्धु, शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो कुलताज सिंह, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, समेत विवि खेल परिषद के सदस्य गण, खेल प्रशिक्षक, खिलाड़ी, विवि कर्मी आदि उपस्थित रहे।
रोहतक 26 जुलाई।        महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) ने एक अह्म निर्णय के तहत सीएमजे यूनिवर्सिटी मेघालय को मदवि के इक्वीवेलेंस लिस्ट (समतुल्य सूची) से हटा दिया है।
    म द विश्वविद्यालय के शैक्षणिक शाखा के प्रभारी सत्य नारायण शर्मा ने बताया कि कुलपति एच एस चहल के आदेशानुसार अब विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विभागों तथा संबद्ध महाविद्यालयों में सीएमजे यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त डिग्री धारकों को मदवि पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु पात्र नहीं माना जाएगा। यह निर्णय तब तक लागू रहेगा जब तक यूजीसी, राज्य सरकार एवं मदवि इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं ले लेेते।
    विवि प्रवक्ता ने बताया कि यह निर्णय अखबारों में सीएमजे यूनिवर्सिटी से संबधित खबरों उपरांत तथा मेघालय के  राज्यपाल द्वारा हरियाणा के राज्यपाल को लिखे एक अधिकारिक पत्र, जिसकी प्रति विश्वविद्यालय को भी अग्र-प्रेषित की गई है, के संदर्भ में भी लिया गया है।

Saturday, July 20, 2013

LITERARY SEMINAR ON PREM CHAND IN MDU ,

 महान साहित्यकार प्रेम चंद की रचनाएं कालजयी हैं। जरूरत है कि प्रेमचंद समेत भारतीय साहित्यकारों की रचनाओं को जनमानस तक पहुँचाया जाए। समाज में साहित्यिक चेतना को जागृत करने के आह्वान के साथ आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के हिन्दी विभाग में प्रेम चंद और कथा समय विषयक साहित्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे प्रतिष्ठित कथाकार तथा हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष कमलेश भारतीय ने कहा कि महान कथाकार प्रेम चंद की रचनाएं आज भी प्रेरित करती हैं। साहित्य को समाज का जागरूक पहरेदार करार देते हुए कमलेश भारतीय ने कहा कि साहित्य समाज को जागरूक करता है। उन्होंने बताया कि प्रेम चंद की कहानियंा पढक़र उनको कथा-साहित्य लिखने की प्रेरणा मिली। ग्रामीण जीवन के यथार्थ का मार्मिक चित्रण प्रेमचंद की कहानियों में देखने को मिलता है, ऐसा उनका कहना था।
कमलेश भारतीय ने बताया कि साहित्य को युवा पीढ़ी में लोकप्रिय बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिन्दी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका च्कथा समयज् के जरिए पूरे प्रांत में कथा साहित्य के प्रति रूचि जगाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मदवि के हिन्दी विभाग का इस आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिष्ठित संस्कृति कर्मी रणबीर सिंह ने कहा कि आंचलिक साहित्य को बढ़ावा दिया जाना जरूरी है। रणबीर सिंह ने कहा कि लोक साहित्य, लोक संस्कृति की अपनी खूबसूरती है तथा मौलिकता है। इसको बढ़ावा दिए जाने की विशेष जरूरत है। जीवन और साहित्य के मध्य विशिष्ट रिश्ता है, ऐसा उनका कहना था।
प्रतिष्ठित हिन्दी समालोचिका एंव हिन्दी विभाग की अध्यक्षा प्रो रोहिणी अग्रवाल ने कार्यक्रम में अपनी अध्यक्षीय टिप्पणी में कहा कि साहित्यिक रचनाओं सभालोचनात्मक ढंग से पठन-पाठन शोधार्थियों विद्यार्थियों के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रेम चंद नि: संदेह महान कथाकार है। परंतु स्त्री विमर्श एवं दलित विमर्श के संदर्भ में भी उनकी रचनाओं का पुन: पाठ जरूरी है। विभागध्यक्षा प्रो रोहिणी अग्रवाल ने कहा कि प्रेम चंद पर आधारित इस संगोष्ठी के जरिण शोधार्थियों को इस महान साहित्यकार पर साहित्यिक चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में मदवि के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर तथा जनंसपर्क निदेशक सुनित मुखर्जी ने कहा कि साहित्य मनुष्य को मानवीय बनाता है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील समाज बनाने के लिए समाज में साहित्य एंव पुस्तक संस्कृति विकसित किए जाने की जरूरत है। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रो संजीव कुमार ने स्वागत भाषण दिया तथा अतिथि वक्ता का परिचय दिया।
कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी सतीश डांगी ने किया। शोधार्थी- विनीता, शर्मिला राठी, श्रुति सुधा आर्य ने प्रेम चंद पर शोध आलेख प्रस्तुत किए। विधि विभाग के प्रो अजमेर काजल समेत हिन्दी विभाग के प्राध्यापकगण मौजूद रहे।


Monday, July 15, 2013





MDU V.C. prescribes SUCCESS MANTRA to the students

 To succeed in life, aim high, work hard with devotion, develop a unique personality, and inculcate moral values in one self. This mantra of success was given by Vice Chancellor of Maharshi Dayanand University (MDU) H.S. Chahal to the participants of Soft Skills and Personality Development programme being organized by the Youth Centre for Skill Development under the aegis of Students’ and Youth Welfare Office of the University.
          Vice Chancellor H.S. Chahal said that in this competitive era, developing communication skills is of utmost importance. He laid emphasis on personal grooming too for success in corporate sector. He congratulated the centre for this unique programme. Dean, Students’ Welfare Prof. Rajbir Singh, Director, Youth Welfare Jagbir Rathee also spoke on the occasion.
          Project Director, Youth Centre for Skill Development Lt. Col. (Retd.) D.S. Deswal gave an overall presentation about the activities of the centre. He informed that about 70 students who underwent training under the centre have been selected for Armed Forces and Para-military forces. Associate Professor, Dept. of Psychology Dr. Shalini Singh conducted the programme. Several participants expressed their views about the programme, and said that this unique programme has helped them in personality transformation.
जीवन में सफलता के लिए ऊंचा लक्ष्य जरूरी: मदवि कुलपति

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए लक्ष्य ऊंचा होना चाहिए। साथ ही, उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए। आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में विद्यार्थियों को अपने व्यक्तित्व विकास पर विशेष ध्यान देना होगा। ये उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कुलपति एच एस चहल ने आज विश्वविद्यालय के यूथ सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट में विशेष व्याख्यान में व्यक्त किए। मदवि के छात्र एवं युवा कल्याण कार्यालय के तत्वावधान में इस सेंटर के तहत आयोजित किए जा रहे साफ्ट स्किल्ज एवं पर्सनेलिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन कार्यक्रम में कुलपति चहल बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे।
मदवि  कुलपति एच एस चहल ने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए माइंड-बाडी-सोल (मन-तन-आत्मा) का विकास जरूरी है। विद्यार्थियों को न केवल शरीर-सौष्ठव की ओर ध्यान देना चाहिए, बल्कि मन-मस्तिष्क के विकास के लिए भी प्रयासरत रहना चाहिए। कुलपति चहल ने विशेष रूप से छात्रों से आह्वान किया कि वे सदैव महिलाओं को समाज में सम्मान दे। उन्होंने यूथ सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट को मदवि का गौरव बताया।
इससे पूर्व यूथ सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट के परियोजना निदेशक ले. कर्नल (सेवा निवृत) डी एस देसवाल ने इस विशिष्ट कार्यक्रम बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत अब तक 70 अभ्यर्थियों का चयन सशस्त्र सेना तथा अर्धसैनिक बलों में हुआ है। कई अभ्यर्थियों का चयन बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भी हुआ है।
आज के समापन कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापिका डा शालिनी सिंह ने किया। इस अवसर पर अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रो राजबीर सिंह ने कहा कि यूथ सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एक अनूठा कार्यक्रम है जिसकी प्रतिष्ठा पूरे राष्ट्र में है। निदेशक युवा कल्याण जगबीर राठी ने भी इस अवसर पर संबोधन किया।
समापन कार्यक्रम में प्रतिभागी सीमा, ध्रुव, मनीषा, परीक्षित, साक्षी, ओम देव, जितेन्द्र पंाचाल, साक्षाी बैनीवाल ने इस कार्यक्रम बारे अपनी राय प्रस्तुत की तथा फीडबैक दिया। कुलपति एच एस चहल ने समापन कार्यक्रम में प्रतिभागियों को पारितोषिक प्रदान किया।

Thursday, July 11, 2013

IHTM establishes TOURISM INFORMATION & FACILITATION CENTRE

रोहतक, 11 जुलाई। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के इंस्टीटयूट आफॅ होटल एण्ड टूरिज्म मैनजमेंट (आईएचटीएम) में 1 अगस्त से टूरिज्म इंर्फोमेशन एण्ड फेसीलीटेशन सेंटर प्रारंभ किया जा रहा है। इस विशिष्ट केन्द्र के तहत हरियाणा के पर्यटक स्थलों की विस्तृत जानकारी समेत पर्यटन परामर्श प्रदान किया जाएगा।
विश्वविद्यालय प्रवक्ता ने बताया कि इस परामर्श केेन्द्र के कार्य का समन्वयन प्राध्यापक डा रणबीर सिंह एंव डा अमित कुमार करेंगे। यह परामर्श  सुविधा शुक्रवार एवं शनिवार को प्रात: 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक उपलब्ध रहेगा। आई एच टी एम  निदेशक प्रो दलीप सिंह ने कहा कि इस प्रकार पर्यटन सूचना परामर्श केन्द्र अनूठी सुविधा है जो कि संभवतया: तथा भारत में किसी भी विश्वविद्यालय में पहली बार प्रारंभ किया जा रहा है। इस पहल से आईएचटीएम का पर्यटन प्रबंधन विभाग सामुदायिक संवाद की पहल कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र के तत्वावधान में पर्यटन प्रबंधन-एमटीएम/बीटीएम के विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्राप्त होगा। जो कि उनके कॅरियर के लिए लाभदायक रहेगा।

MDU E-PR INITIATIVE~Blogging


रोहतक, 11 जुलाई। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) ने ई-पी.आर (इलैक्ट्रानिक जन संपर्क) क्षेत्र में एक नए पहल के साथ ब्लागिंग में पदार्पण किया है। विश्वविद्यालय के ब्लागिंग साइट का आज कुलपति एच एस चहल तथा पूर्व कुलपति डा आर पी हुड्डा ने लोकार्पण किया।
फैकल्टी हाउस में कुलपति एच एस चहल तथा पूर्व कुलपति डा आर पी हुड्डा ने लैप टॉप पर माउस क्लिक कर इस ब्लागिंग कार्य का शुभारंभ किया। यह ब्लागिंग dprmdurtk.blogspot.in पर उपलब्ध रहेगा। इसका शीर्षक है -- MDU PR CONNECT. आज का ब्लागिंग विषय म०द०विश्वविद्यालय के नैक द्वारा ए ग्रेडिंग प्रदान करने पर आधारित रहा। वर्तमान कुलपति एच एस चहल तथा पूर्व कुलपति डा आर पी हुड्डा ने इस ई-पहल पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त किया।
इस अवसर पर मदवि के जनसंपर्क निदेशक सुनित मुखर्जी ने बताया कि सूचना एवं संचार क्रांति के युग में ई-जनसंपर्क का महत्व बढ़ गया है। सोशल मीडिय़ा सूचना-समाचार संप्रेषण का प्रभावी माध्यम बनकर उभरा है। ऐसे में विश्वविद्यालय जनसंपर्क कार्यालय की ओर से ये पहल एक सार्थक कदम है। उन्होंने बताया कि फेसबुक पर MDU NEWS ग्रुप आईडी पर तथा टिव्टर पर @dprmdurtk पर भी विश्वविद्यालय संबंधित सूचना व समचारों की उपलब्धता है। लोकार्पण के अवसर पर विश्वविद्यालय के आला अधिकारी उपस्थित रहे

MDU GETS A grade accreditation from N.A.A.C.

Maharshi Dayanand University (MDU) has been re-accredited with ‘A’ grade by the National Assessment and Accreditation Council (NAAC).  This decision was taken by the Executive Council of NAAC in its meeting held yesterday (July 8) in Bengaluru.  The NAAC grading is available on the NAAC website.
          MDU Vice Chancellor H.S. Chahal congratulated the entire University community for this sterling achievement.  He said the efforts and hard work put in by all the sections of University, including faculty members, research scholars, students, non-teaching staff has bore fruit.  He said that this grading confirms the culture of excellence prevalent in the University. Notably, MDU has progressed leaps and bounds in last few years.  He acknowledged the concerted efforts made by Ex Vice Chancellor Dr. R.P. Hooda for re-accreditation of the varsity.
          Notably, NAAC Peer team had visited MDU from March 18 to 21 this year for inspecting the facilities available in the varsity and its various facets based on seven criterions viz.  Curricular aspects, Teaching Learning and Evaluation, Research, Consultancy & Extension, Infrastructure and learning Resources, Student support and progression, Governance, Leadership & Management, and Innovations & Best Practice.  The varsity’s progress report was evaluated.  MDU got CGPA of 3.03 out of 5.00 to get this ‘A’ grading.
          MDU Director, PR Sunit Mukherjee said that notably excellent infrastructure, innovative programmes, wide range of traditional and professional courses, sterling achievements in sports, expanding research work, community interface, regular extra-curricular activities, congenial academic environment, pro-active leadership, and foray into e-governance marked the progress journey of MDU in recent times which has been acknowledged by NAAC.
          Further, MDU Vice Chancellor H.S. Chahal has re-iterated his commitment to develop MDU as a leading varsity of the nation and a Centre of Academic Excellence.  He said that NAAC’s ‘A’ grading would go a long way to bolster the developmental strides of MDU.